सर्दी के मौसम में भी समदड़ी के कई गांवो में पेयजल संकट बढ़ गया है। अधिकारी एक दूसरे की जिम्मेदारी बताकर पल्ला झाड़ रहे है। वहीं ग्रामीण पेयजल संकट झेलने को विवश है। समदड़ी क्षेत्र में जोधपुर से पानी समदड़ी की पहाड़ी पर स्थित टंकी में सीधे पहुंचता है। यहां से ही गांवो में बनी टंकी में पानी भेजा जाता है। इसके बाद गांवो में जलापूर्ति होती है। गांवो में बनी इस ओवरहेड टंकियो पर भी एलएण्डटी कम्पनी के कर्मचारी तैनात है। जो भी गांवो में पानी की आपूर्ति को लेकर मनमानी करते हैं। जलदाय विभाग इनके आगे बेबस नजर आ रहा है।
मुख्य लाइन पर कई अवैध कनेक्शन
समदड़ी से भलरों का बाड़ा, अजीत जाने वाली पानी की मुख्य लाइन पर बीच रास्ते में कई अवैध कनेक्शन है। इससे पानी आगे अन्तिम छोर तक नहीं पहुंच पाता । विभागीय अधिकारियों को ध्यान में होने के बावजूद कार्यवाही नहीं की जा रही। ऐसे में गांवों में पेयजल संकट गहराता नजर आ रहा है। होतरड़ा गांव में नहरी पानी की आपूर्ति हुए बीस दिन बीत चुके है। अजीत, जेठन्तरी, बामसीन सहित आस पास के गांवो वढाणियों में इन दिनों गम्भीर जलसंकट बना हुआ है।
“होतरड़ा में पिछले करीब दो माह से जलसंकट बना हुआ है नहरी पानी की आपूर्ति पूरी नहीं हो रही है । इससे ग्रामीण परेशान हैं।” – गोपाराम, सरपंच, भलरों का बाड़ा
“नहरी पानी मांग अनुसार नहीं आने से जलसंकट बढ़ा है। जलापूर्ति का कार्य नहरी अधिकारी व एलएण्डटी कम्पनी के कर्मचारी जाए करते हैं। जलदाय विभाग सिर्फ रखरखाव कार्य देखता है। अवैध कनेक्शन की जानकारी नहीं है। ऐसा पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी।” -मालाराम, सहायक अभियन्ता, जलदाय विभाग
“नहरी पानी का प्रति सप्ताह एक दिन का क्लोजर लिया जा रहा है। इससे जलापूर्ति में कुछ बाधा आ सकती है। पानी मांग के अनुसार पूरा दिया जा रहा है। आपूर्ति बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।” – रणवीरसिंह शेखावत सहायक अभियन्ता, नहरी परियोजना